मुर्दों को इंसाफ़ कहाँ मिलता है

क़ातिल ने कहा
वह इंसाफ़ करेगा
तुम्हें न्याय देगा
क़ातिल जानता है
शव न सुनता है 
न बोलता है
मुर्दों को इंसाफ़ कहाँ मिलता है !
क़ातिल मुस्कुराता है
वह देखता नहीं अपना चेहरा किसी आईने में |

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