२ अगस्त को रोज की तरह टी.वी. अनेक समाचार थे. रास्ट्रमंडल खेलो में कलमाड़ी और कांग्रेस का घोटाला , रांची में बजरंगदल और विश्व हिन्दू परिसद के गुंडों का युवाओं पर हमला, गुजरात , आदि- आदि . किन्तु जिस समाचार ने मुझे विचलित किया वह था I.C.S.I. बोर्ड द्वारा यह अधिसूचना जारी करना कि उनके विद्यालयों में अब शहीद भगत सिंह को नही पढ पायेंगे बच्चे किउनी भगत सिंह देशभक्त नही आतंकवादी थे . यह समाचार आज तक पर था . ICSE ने यदि एसा कहा है तो यह तमाम स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है यह भारत का अपमान है . और यदि यह समाचार सच है कि हैदराबाद के स्कूलों में अब बच्चो को भगत सिंह के नही के बारे में नही बताया जायेगा , तो मैं इससे बोर्ड को अंग्रेजों का गुलाम और दलाल मानता हूं . सरकार की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नही आयी है , और न ही आने की आशा है, किउंकि इस देश के इतिहास पर तो एक दल और परिवार विशेष का कब्ज़ा है . हैरानी इस बात पर भी है कि आज जो अपने को शिक्षक कहते हैं उन्होंने भी इस निर्णय का विरोध नही किया . क्या सब शिक्षक और इतिहासकार दुकानदार और गुलाम है इनमे सच बोलने क