पतझड़ में
आदमी कब मरता है किसी मुल्क में
वहाँ एक नागरिक मरता है हर बार
मृत्यु के साथ चरित्र नही मरा करता केवल मिटता है एक देह हर बार
पतझड़ में पेड़ कहाँ सूखते हैं बस झड़ जाते है पत्ते हर बार
वहाँ एक नागरिक मरता है हर बार
मृत्यु के साथ चरित्र नही मरा करता केवल मिटता है एक देह हर बार
पतझड़ में पेड़ कहाँ सूखते हैं बस झड़ जाते है पत्ते हर बार
बहुत बढ़िया ……
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