मौसम ऐसे ही बदलता है

सुखद यह है
कि कल-आज
कमी दर्ज किया है
मैंने, मेरे लिए
तुम्हारी बेचैनी में
मैं मान ले रहा हूँ
कि तुम्हें भी अब अहसास होने लगा है
अपनी नादानियों का |
....
मौसम ऐसे ही बदलता है ....
तुम्हारा कवि ......

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