मैंने जीवन जलाकर रौशन किया तुम्हारे देवता का घर ....

बहुत मंहगा है 
दीये का तेल 
और मेरे हाथ हैं खाली 

मैंने जीवन जलाकर
रौशन किया 
तुम्हारे देवता का घर ....

Comments

  1. संवेदनशील पंक्तियाँ....

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  2. बहुत आभार ...आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं बाल दिवस की .

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  3. vastavikta ka sahaj abhivyakti-sundar
    मेरी नई रचना ; हम बच्चे भारत के " http://kpk-vichar.blogspot.in

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  4. बहुत मार्मिक और संवेदनशील रचना, शुभकामनाएँ.

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